Monday, July 27, 2009

बीवियां तो नहीं



नफरतों की कमी यां वहां तो नहीं
पर मुहब्बत भी कम शय मियां तो नहीं

क्या गिराएंगी यकजहतियों के समन
ये हवाएं हैं ये आंधियां तो नहीं

इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं

उनको नेता कहा तो ख़फा हो गए
नाम ही है दिया गालियां तो नहीं

जो है महफ़िल में सबसे हसीं ऐ 'हया'
वो कहीं मेरी हिंदी ज़बां तो नहीं

यकजहतियों=एकता
समन= फूल

39 comments:

  1. namaskaar hay ji aap ki gajal baati hi baato me jivan ki yaisi sachhayi kah seti hai jo yek choot si karti prtit hoti hai ye layne vo hai
    क्या गिराएंगी यकजहतियों के समन
    ये हवाएं हैं ये आंधियां तो नहीं
    mera prnaam swikaar kare
    saadar
    praveen pathik
    9971969084

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  2. बहुत खुब लता जी, बेहतरीन लिखा है आपने।।

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  3. umdaa
    behtareen
    bahut khoob !
    _________________badhaai !

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  4. आप बहुत बेहतरीन लिखती हैं

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  5. इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं


    उनको नेता कहा तो ख़फा हो गए
    नाम ही है दिया गालियां तो नहीं

    बहुत ही अच्छा लिखा है आपने...
    बेहतरीन...
    बधाई...

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  6. इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं
    शानदार --- बहुत बढिया

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  7. इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं

    bahut achchha - behtareen

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  8. बड़े अच्छे शेर हैं।

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  9. इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं

    बहुत खूब हया जी। खूबसूरत।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  10. लोकसभा के नोटिस बोर्ड पर टांगना चाहिये:


    इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं


    -बेहतरीन रचना!

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  11. जो है महफ़िल में सबसे हसीं ऐ 'हया'
    वो कहीं मेरी हिंदी ज़बां तो नहीं
    bahut khub

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  12. नमस्कार
    आप बहुत अच्छा लिखतीं हैं. बहुत अच्छा लगा.

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  13. Lata ji .....kis zuba se taree karoon aapki... Maa saraswati ki vishesh anukampa hai aap par. I really of you and myself too that I found you on blooger's world

    "इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं

    उनको नेता कहा तो ख़फा हो गए
    नाम ही है दिया गालियां तो नहीं

    जो है महफ़िल में सबसे हसीं ऐ 'हया'
    वो कहीं मेरी हिंदी ज़बां तो नहीं "

    Bilkul dil choora liya aapne to

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  14. मैं कि औरत हूँ मेरी शर्म है मेरा ज़ेवर, बस तख्ख़लुस इसी बाईस तो'हया'रखा है...bahut khuub...

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  15. अच्‍छा लि‍खा है आपने। आभार।

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  16. रचना बहुत अच्छी लगी....बहुत बहुत बधाई....

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  17. " bahut khub hayaji dil ki baaat kahe dali "

    ---http://eksacchai.blogspot.com

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  18. बढ़िया ग़ज़ल... वाह-वाह..

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  19. बहुत उम्दा, लाजवाब!
    ---

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  20. इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं...
    Behad Umda gajal hai...aur ye sher to dad pe dad pane ka haqdar....

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  21. उनको नेता कहा तो ख़फा हो गए
    नाम ही है दिया गालियां तो नहीं

    क्या खूब कहा आपने.......करारा कटाक्ष .....एकदम लाजवाब ...



    जो है महफ़िल में सबसे हसीं ऐ 'हया'
    वो कहीं मेरी हिंदी ज़बां तो नहीं !!!!

    और इस शेर की तो क्या कहूँ ..... मन गदगद हो गया........इस बात पर तो आपके कलम के नाम अपनी गुलामी लिख दूं ......बहुत बहुत बहुत ही बेहतरीन ....

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  22. Kya gazab likhtee hain aap..!

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  23. जो है महफ़िल में सबसे हसीं ऐ 'हया'
    वो कहीं मेरी हिंदी ज़बां तो नहीं

    steek alfaaz
    behtar istemaal
    umdaa izhaar
    achhee ghazal

    badhaaee......
    ---MUFLIS---

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  24. उनको नेता कहा तो ख़फा हो गए
    नाम ही है दिया गालियां तो नहीं

    वाह लाजवाब लिखा है......... अच्छा लगा पढ़ कर ...... ये SHER तो KMAAL का है

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  25. नफरतों की कमी यां वहां तो नहीं
    पर मुहब्बत भी कम शय मियां तो नहीं

    Umdaa

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  26. जो है महफ़िल में सबसे हसीं ऐ 'हया'
    वो कहीं मेरी हिंदी ज़बां तो नहीं

    कोई शक?

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  27. lata ji aapko padhne se jaada achha lagta hai aap ko mancho pay sunanaa. kal aap kalyaan aa rehi hain ,aap ki kavitaain jaroor sunugaa.

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  28. जो है महफ़िल में सबसे हसीं ऐ 'हया'
    वो कहीं मेरी हिंदी ज़बां तो नहीं
    वाह बहुत खूबसूरत ! क्या कहने !

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  29. सभी शेर कबीले तारीफ.
    बधाई.

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  30. Apka blog to bahut sundar hai.kabhi mere blog par bhi ayen.

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  31. bahut khub likha apne, sarthak srijan.

    फ्रेण्डशिप-डे की शुभकामनायें. "शब्द-शिखर" पर देखें- ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे !!

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  32. इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं

    बहुत ख़ूबसूरत मज़ाहिया ग़ज़ल है.

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  33. bahut hi khoobsoorat rachna........

    Urdu pe aapki achchi pakad hai......

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  34. उनको नेता कहा तो ख़फा हो गए
    नाम ही है दिया गालियां तो नहीं ....

    ..kya kehti hain aap haya ji.

    "neta" kya kum badi gaali hai?

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  35. हसीन हिन्दी की बात उर्दू में, वाह क्या बात है!! जवां या जुवां क्या सही है ?

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  36. इतनी भी जी हुजूरी नहीं है भली
    कुरसियां हैं जी ये बीवियां तो नहीं

    अच्छा है

    दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है.

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