Thursday, April 1, 2010

और सब कुछ ठीक है ?


आज एक अप्रैल है ---अप्रैल फूल यानि बेवकूफ़ बनाने का दिन ...लेकिन हम तो सालों से हर दिन किसी ना किसी मुद्दे पर बुद्धू बनते रहे हैं ;जब हालात कुछ और होते हैं और हकीक़त कुछ और ,,,,,और फिर भी कहा यही जाता है कि सब कुछ ठीक है .........क्या वाक़ई ....
और सब कुछ ठीक है ?

मुल्क में दंगा हुआ है, और सब कुछ ठीक है
आदमी नेता हुआ है, और सब कुछ ठीक है ?

ये गनीमत है हवा खाते हो अब भी मुफ़्त में
प्याज़ बस महंगा हुआ है, और सब कुछ ठीक है ?

घर ग़रीबों के गिरें क्या फ़र्क़ बिल्डर को पड़े
आदमी से धन बड़ा है, और सब कुछ ठीक है ?

रोज़ इज्ज़त लुट रही है लड़कियों की रेल में
रोज़ इंसां कट रहा है, और सब कुछ ठीक है ?

मेरे चेहरे पर उदासी ?बात करते हैं जनाब ?
आंख से पानी बहा है, और सब कुछ ठीक है ?

बस ज़रा तौहीन ,थोड़ी तल्खियाँ ,तकलीफ 'बस'
मेरे हाथों में लिखा है, और सब कुछ ठीक है ?

बस अना,खुद्दारियां छोड़ीं ना छोड़ा अपना घर
बेहयाई में 'हया' है, और सब कुछ ठीक है ?

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