
ना मै हिन्दू,न मुस्लिम और ना मै राजस्थानी हूँ ,
मैं तो हूँ इक प्रेम की बोली,बस main हिन्दुस्तानी हूँ ,
कुर्सी से नहीं रिश्ता कोई और ना सत्ता से नाता,
मंच पिता है , श्रोता भाई, सरस्वती मेरी माता
जो इंसां में फ़र्क़ करे वो धर्म नहीं मेरा भाई ,
ज़ात - पात और नफ़रत की मैं खोद सकूंगी न खाई,
इसीलिए जो भी बोलूंगी, प्रेम की वोह होगी बोली,
नहीं उठेगी दर से मेरे नफ़रत की इक भी डोली,
मंदिर - मस्जिद तुम्हें मुबारक ,हमें आदमी है प्यारा,
भारत माँ का इक इक ज़र्रा ,हमें जान से है प्यारा ,
आज यहाँ पर यही दुआएं तुमको देने आई हूँ,
भारत माँ की जानिब से इक वादा लेने आई हूँ ,
अगर देश से प्यार है तुमको,साथ मेरा देना जमकर,
और भले कुछ कर या मत कर, प्यार कभी भी मत कम कर,
आओ मिलकर प्यार से बोलें ये एलान हमारा है,
हम सब है बस हिन्दुस्तानी,हिन्दुस्तान हमारा है
Happy Indepedence day